What Does shiv chalisa lyricsl Mean?

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ

सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।

कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥

शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥

अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, more info आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

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